1:18 pm
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8 महीनो में घंटो की मेहनत के बाद आखिर में हासिल हुए 10 लोगों की टिप्पणियां ।
अब क्या कहें मन तो हो रहा है ब्लोगिंग छोड़ ही दूँ पर अभी शायद ऐसा ना कर सकूँ ।
खैर अब कल से टिप्पणियाँ बंद मेल से जवाब देना भी बंद, जो मेरा मन करे वो चीजें ब्लॉग पर होंगी जिसे पसंद है पढ़ें ना पढ़े तो भी क्या फर्क पड़ता है जब किसी को परवाह ही नहीं तो फिर अपने ही मर्जी का करते हैं ।
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- नवीन प्रकाश
- खरोरा, रायपुर, छत्तीसगढ़, India
- बस एक कोशिश है जो थोडी बहुत जानकारियां मुझे है चाहता हूँ की आप सभी के साथ बांटी जाए। आप मुझे मेल भी कर सकते है hinditechblog(a)gmail.com पर .
बिन मांगें मोती मिले
ReplyDeleteमांगें मिले ना भीख
गर्मी में टिप्पणियों की फ़सल सूख गयी है।
ReplyDeleteपानी की किल्लत बहुत चल रही है,
ब्लाग बगीचा सूख रहा है,कौन पानी डाले?
जरा बरसात तक इंतजार करों भाई
bhahi, blog apni marji ka hi likhne ke liye to hai na...so likha jaye...
ReplyDeleterahi bat comment ki to takniki blog par comments kam hi aate hai shayad, log aayenge aapke blog par, aapki batai gai taknik pasand aayegi to aajmayenge, kuchh log shukriya bhi kahenge aur bahut log kuchh nahi kahenge bas chale jayenge, lekin agar aap apni marji se hi yah takniki blog chala rahe hain aur aapko isme sukh mil raha hai to jaari rakhein, nahi to jo likhne se sukh mile vahi likhiye bandhu..
bhai*
ReplyDeleteसमस्या की जड़ यह सोच है कि टिप्पणी ही ब्लॉग की आत्मा है। इस धारणा से मुक्त होइए। आप अच्छा काम कर रहे हैं,इसका संतोष आपको होना चाहिए और इस संतुष्टि से बढकर कोई टिप्पणी नहीं। सूअरों के आगे हलवा रखेंगे तो वह नहीं छुएगा क्योंकि उसे टट्टी ही चाहिए।
ReplyDeleteitne naraz kyun hote ho bhai, abhi abhi to aapke blog ko follow karna shuru kiye hain ...
ReplyDeleteअरे भई , क्या आप टिप्पणियों के लिए लिखते हैं ...बेशक हौसला बढ़ाती हैं टिप्पणियाँ ..मगर आप तो मदद के लिए लिखते हैं ..फिर अपने उद्देश्य से क्यों भटक रहे हैं ? हो सकता है लोगों ने आपका U.R.L.तक memory में रख लिया हो ,जब जरुरत होती होगी आपके टिप्स ही काम आते होंगे । अभी मै खोजती हूँ कि कौन से बेहतर तरीके से आवाज की फ़ाइल ब्लॉग पोस्ट पर अटैच की जा सकती है , धन्यवाद ।
ReplyDeleteटिप्पणियों पर एक लेख मैंने www.shardaa.blogspot.com पर डाला है , पढ़ें शायद मन को समझा पायें ।
हताशा या निराशा सामान्य जीवन चक्र का अंग है
ReplyDeleteइससे विचलित नहीं होना चाहिए
समुद्र या नदी इस बात का हिसाब नहीं रखते की कौन उनका जल और क्यों ले जा रहा है .
खुश रहो आगे बढ़ो
यदि आप इस एंगल से विचार करें कि ब्लॉग पर फॉलोअर की संख्या अधिकतम 200 हो सकती है और आपके पास 140 फॉलोअर हैं,तो आप स्वयं को बहुत सफल ब्लॉगर मान सकेंगे। आपके उत्साहवर्द्धन के लिए मैं भी अभी इसी वक्त फॉलोअर बनता हूँ।
ReplyDeleteAapke blog me baaye taraf niche aapne jo vijet lagaya hai usme to roj aap dekh hi sakte hai ki kitne logo ne aaj visit kiya....
ReplyDeleteBadhiya hai aap apne blog likhte rahe.........
ReplyDeleteकुमार राधारमण ji se mai bhi sahamat hu aap ki blog ki lokpriyata to aap ke followers ki sankhaya se hi pata chal jata hai kya fark padata hai ki sabhi comment karte hai ya nahi mai to aap se email se bhi apni pareshani bat chuki hu
ReplyDeleteitni jaldi ghabra gaye.........yahan to ye sab chalta hai aadat dal lijiye aur apna kaam karte rahiye.
ReplyDeleteनवीन भाई
ReplyDeleteअभी अभी पिछली पोस्ट देखी
एक निवेदन है ६०० वीं पोस्ट में आपने पेज विजेट संख्या दस हजार के ऊपर बताई है
उसे इक लाख के ऊपर लिखें
ये सन क्या कह रहे है लिखना छोड़ दूंगा ???
आप ये कैसे कर सकते हैं ?
you should not let yourself down. u are doing a great job,the advice/suggestions/feedback u desired will come to you one day.
ReplyDeleteMadhavrai.blogspot.com
qsba.blogspot.com
कई लोग बिना टिप्प्णी के भी आपके ब्लोग का फायदा ले रहे हैं । और दूसरी बात यहाँ कि आपके अलावा भी कई ब्लोग हैं जो कि यही काम कर रहे हैं सो निराश होने की ज़रूरत नहीं है..... आप अपना काम करते रहिए.."
ReplyDeleteकर्मण्ये वा अधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन....
ReplyDeleteआप अपना काम निरंतर जारी रखिये...
आज अपन के ब्लाग में भी किसी ने सलाह दी है कि करम किए जा फल की चिंता मत कर। सो अपन तो लग गए करम पथ पऱ।
ReplyDeleteआपका काम वाकई बेहतरीन है और कई लोगों के मुंह से मैंने सुना है कि उन्हें आपके ब्लाग से उपयोगी जानकारियां मिली है।
..हाँ, भाई लोग टिप्पणी करने से परहेज जरूर करते हैं।
आप को इससे ऊपर उठ कर सोचना चाहिए..टिप्पणियों से ही ब्लॉग की लोकप्रियता का पता नही चलता....कम से कम १० ,मेरे मित्र इस ब्लॉग का उपयोग नियमित तौर पर कर रहे है.कई लोग बिना टिप्प्णी के भी आपके ब्लोग का फायदा ले रहे हैं .धर्य बनाएं रखें..हम आपके साथ है है.
ReplyDeletekisi ko time nahi he aaj kal
ReplyDeleteटिप्पणी मोर एंड मोर | ब्लॉग जगत की मांग हमेशा से ही रही है | आपने टिप्पणीयो पर लेख नहीं पढ़े है जो लिखता है उसे पता है कि टिप्पणी क्यों नहीं आ रही है मेरा ही नहीं वर्ण सभी का यह मानना है कि जितनी टिप्पणी आप करेंगे उससे कम ही आपको वापस मिलती है |
ReplyDeleteइतना हताश होने कि जरुरत नही नही हे नवीन जी टिप्पणीयो का इन्तजार न करे अपने काम मे लगे रहिये .धर्य बनाएं रखें..हम आपके साथ है
ReplyDeleteआप बहुत शुभ काम कर रहे हैं, लिखते रहो भाई. हम है न पड़ने और कमेन्ट करने वाले.
ReplyDeleteकभी कभी अच्छे और सार्थक लेख को कमेन्ट नहीं मिलता पर कोशिश जारी रखनी चाहिए.
मेरे लेखो को कभी कमेन्ट या चर्चा का विषय नहीं मिलता हिंदी जगत में, पर मेरी कोसिस इसलिए जारी है क्यूंकि में ये अपने शौक के लिए लिखता हूँ, मन की संतुष्टि के लिए लिखता हूँ, कमेन्ट मिले तो ठीक , वरना कोई बात नहीं....
वास्तव में कमेन्ट न देने वाले कभी कभी अच्छे लेख मिस कर देते है, इसलिए उन पर दया आती है मुझ पर तो.
काहे परेशान हो रहे हैं...लिखते चलें.
ReplyDeleteएक अपील:
विवादकर्ता की कुछ मजबूरियाँ रही होंगी, उन्हें क्षमा करते हुए विवादों को नजर अंदाज कर निस्वार्थ हिन्दी की सेवा करते रहें, यही समय की मांग है.
हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार में आपका योगदान अनुकरणीय है, साधुवाद एवं अनेक शुभकामनाएँ.
-समीर लाल ’समीर’
मैं अपने ब्लॉग 'गुरतुर गोठ' के लिए लगातार मेहनत करता हूं, क्षेत्र के साहित्यकारों से रचना के लिए चिरोरी करता हूं, मेरे हाडतोड मेहनत वाली नौकरी के अतिव्यस्ततम समय में भी समय निकालकर टाईप करता हूं फिर उसे पब्लिश करता हूं और टिप्पणियां एक भी नहीं आती. पिछले दो साल से डोमेन का पैसा भी खर्च रहा हूं.
ReplyDelete.... आगे आपकी मर्जी.
aap bahut acche hai. navin bhai aap apne jaisa dusro ko banaiye.. karyakarta nirman kijiye aur uske liye apko .. asha aur vishwas rakhna hi padenga.
ReplyDeleteDil hai chhotta saa , chhoti si aashaa
masti bhare man ki , bholi si aashaa ,
Chaand taaro ko chhune ki aashaa ,
Aasamano ke udane ki aaasha..
From Roja Film. ..,,
आप सभी का धन्यवाद पर आपने शायद पिछली पोस्ट नहीं पढ़ी .
ReplyDeleteफिर से स्पष्ट कर दूँ .
आभार, अच्छी जानकारी, अच्छी पोस्ट, सुन्दर
ऐसी टिप्पणियां मुझे नहीं चाहिए
मुझे आपके सुझाव चाहिए ब्लॉग को बेहतर बनाने के लिए
तो अगर आपके पास कोई सुझाव है तो टिपण्णी या मेल के रूप में मुझे जरुर दें
hamara kya hoga
ReplyDeleteNaveen jee Apka lakshy kuch aurhai aur Tipaani ke bare me to yahi kahunga har koi tippani bhi karna nahi janta .Mere khyal se aap kaam kare tippani avasya milagi. mrea shubkamana apke saath hai
ReplyDeletepankaj verma jabalpur
ha aajkal tippni mere blog par bhi nahi ho rahi hai,but happy to writting,well done naveen
ReplyDeleteAisa na kare
ReplyDeleteकितने दिनों से आप का ब्लॉग दोबारा खोज रहा था . आज मिला . बहुत अच्छा है .कुछ लिखते नहीं इसका मतलब यह नहीं कि कुछ लिखने लायक नहीं . आपका लिखा हुआ बहुत अपना सा लगता है .
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