10:30 am
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ये हिंदी टेक ब्लॉग कि आखिरी पोस्ट है आपके अस्वीकार किये जाने, अपनी टिप्पणियां और सुझाव न देने और आपके लिए उपयोगी ना होने कि वजह से ये ब्लॉग बंद करना पड़ रहा है ।
धन्यवाद् डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक” का और रावेंद्र्कुमार रवि जी का जिनकी वजह से ये चोर ब्लॉग बंद करने विवश है ।
अगर आपको इस ब्लॉग से कुछ चाहिए तो अभी देख लीजिये आपके पास बस एक दो दिन का ही समय है ।
अगर कोई गलती हुई हो तो क्षमा कर दीजियेगा
आपका
नवीन प्रकाश
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- नवीन प्रकाश
- खरोरा, रायपुर, छत्तीसगढ़, India
- बस एक कोशिश है जो थोडी बहुत जानकारियां मुझे है चाहता हूँ की आप सभी के साथ बांटी जाए। आप मुझे मेल भी कर सकते है hinditechblog(a)gmail.com पर .
ऐसा क्यों कर रहे है आप ,
ReplyDeleteमैं तो रोज एक बार जरुर आपका ब्लॉग देखता था ,
रही कमेन्ट वाली बात तो आपने ही कहा था कि पुराणी पोस्ट पर कमेन्ट ना करें ,
तभी मैं कमेन्ट बहुत ही कम कर रहा था ,
आप अपना ब्लॉग मत बंद करें नहीं तो मेरा क्या होगा जो कि
सिर्फ आप के सहारे ही ब्लोगिंग कर रहा हूँ |
आप अपना यह ब्लॉग कतई मत बंद करें,
मैं तहे दिल से यह कह रहा हूँ,
plz मेरी बातो पर गौर कीजियेगा,
रही कमेन्ट वाली बात तो मैं आप के हर पोस्ट पर जरुर कमेन्ट करूँगा|
ReplyDeleteha ha ha
ReplyDeletebhai ye dunia he yaha har tarha ke log milte he
kuch logo ki galti ki saja sare hindi jagat ko kyun dete ho
muje aap ke blog se bahut kuch sikhane ko mila he issi liye me nahi chahta hu ki ye blog band ho
aasha karta hu me aap jaldi se apna fesla badle nge or hame wapas aane ki khus khabri denge
shekhar kumawat
कही आप हम लोगो को अप्रैल फूल तो नहीं बना रहे है ना?
ReplyDeleteha sahi he har aadmi apni tarif sunna chahta he
ReplyDeletelagta he aap ko bhi usi ki aadat ho gai he
अगर आप अप्रैल फूल बनाना चाहते है तो मैं अप्रैल फूल बनाने को तैयार हूँ,
ReplyDeleteलेकिन आप ब्लॉग मत बंद करना,
ये क्या बोल रहे हो शेखर जी कमेन्ट करने से हौसला बढ़ता है ,
ReplyDeleteना कि जो आप बलों रहे है|
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteअप्रैल फूल...???
ReplyDeleteभाई नवीन जी आपका निर्णय बिलकुल सही है :)
ReplyDelete-
-
आप इस वाले ब्लॉग को बंद करके 3 ब्लॉग और शुरू कर दीजिये !
-
-
वैसे आपकी पोस्ट के शीर्षक पढ़ते ही "टंकी चढाओ-उतारो कमेटी" के सदस्य मदद हेतु तत्काल रवाना हो चुके हैं
मै एसे बहुत से ब्लॉग जानता हूँ जिसके लेखक बहुत बड़े विद्वान है | जिनकी पोस्ट पर एक भी टिप्पणी नहीं आती थी लेकिन उँ बलोगो पर विजिटर संख्या प्रती दिन कई हजार होती है | आप बंद करना चाहते है कोइ बात नहीं किसी को कोइ फर्क नहीं पडेगा | बहुत से ब्लॉग बंद हुए है लेकिन किन्ही दूसरों के कारण से नहीं बल्कि निजी कारणों से | अप्रेल फूल की बधाई |
ReplyDeletefool aprel manaya hindi tag blog ne
ReplyDeleteएक और ब्लॉगर टंकी पर :)
ReplyDeleteखुशखबरी !!! संसद में न्यूनतम वेतन वृद्धि के बारे में वेतन वृद्धि विधेयक निजी कर्मचारियों के लिये विशेषकर (About Minimum Salary Increment Bill)
अप्रेल फूल ! इतना गहरा मज़ाक ना बाबा ना.................... !
ReplyDeleteकम से कम एक अप्रैल को आपको ये बात नहीं करनी चाहिए थी, आपकी बात का महत्व घट गया.
ReplyDeleteअप्रैल फूल बना रहो हो दोस्त......"
ReplyDeleteहा हा
ReplyDeleteफुल अप्रैल फूल
बहुत बड़ा फ़ूल बनाया-क्योंकि हम बनने को तैयार बैठे थे।
ReplyDeleteहा हा हा हा
Well.....
ReplyDeleteक्या कहु.... जोर का झटका धीरे से....
या हलका-फुलका झटका एप्रिल फूल के उपल्क्ष्य में...
खैर इंतजार करते है वक्त खुद-बखुद बता देगा...
वैसे चोरी वाली बात जो आपने काही वो आप कबुल करते है या सिर्फ इल्जाम मानते है ... ???
वैसे अगर आप खुद पर लगाये गये चोरी के इल्जाम से आहात है और ब्लॉगिंग बंद करना चाहते है तो ये आपकी निजी मर्जी, पार ब्लोग को मिटाने कि क्या आवश्यकता? जो अब तक आपने ब्लोग जगत को परोसा है, वो तो उनसे मत छीनिये.... अब चाहे चोरी का ही क्यो न हो...!
ReplyDeleteबहुत बड़ा फ़ूल बनाया-क्योंकि हम बनने को तैयार बैठे थे।
ReplyDeleteहा हा हा हा
आप अपना यह ब्लॉग कतई मत बंद करें
ReplyDeleteक्या सही में. अप्रैल फूल हो तो अलग बात है परन्तु अगर टिप्पणियों की वजह से ऐसा किया तो इसका मतलब है की आप हार गए उन लोगों से जिन्होंने आपको चोर कहा. मेरी मनो तो लगे रहो. और चलते रहो
ReplyDeleteइस पूरे ब्लॉग का xml मिटाने से पहले मुझे भेज दें ताकि मैं एक अलग ब्लॉग बना सकूँ - 'चोरकट ब्लॉग'
ReplyDeleteदेखिए अब बेवकूफ बन कर, सीरियस होकर कह रहा हूँ - कृपया इस ब्लॉग को बन्द न करें।
मैं बहुत से ब्लॉग पढता हूँ लेकिन टिप्पणी नहीं करता हूँ। मुझ आलसी पर इस पाप का भार न डालें प्रभु !
.
ReplyDelete.
.
ठीक है, बंद कर ही दीजिये... वैसे भी अपना और हमारा टाईम खोटी करने के अलावा करता क्या था यह ब्लॉग ?
>>>>>>>>..... :-)
.
ReplyDelete.
.
और हाँ हम अप्रैल फूल नहीं बनेंगे आज!
........ :)
हम अप्रैल फूल नहीं बनेंगे आज! !!!हा हा हा हा!!!!!
ReplyDeleteअरे भाई...क्या करते हो?....इत्ता बढ़िया तो आपका ब्लॉग चल रहा है...मैं तो आपके ब्लॉग पर दिन में एक मर्तबा चक्कर ज़रूर मारता हूँ....
ReplyDeleteऔर अगर आप ये हम सबका ऐप्रेल फूल बना रहे हैं तो मुआफ कीजिए ..मुझे आपका ये मजाक पसंद नहीं आया :-(
भई तनेजा जी एप्रिल फुल का मजाक होता ही ऐसा है कि वो अचंभित कर दे और चिढ जाये, वर्ना एप्रिल फुल का मजा कैसे आयेगा....
ReplyDeleteसबसे पहले तो आप सभी से क्षमा चाहुन्गा .
ReplyDeleteना मुझे अपनी तारीफ सुननी थी, ना टन्की पे कोइ काम है
ना ही किसी को फर्क पडाना है ("आप बंद करना चाहते है कोइ बात नहीं किसी को कोइ फर्क नहीं पडेगा |" )
चून्कि इन्टरनेट बन्द है ये खाली दिमाग की शैतानी थी बस
पर एक शिकायत है जैसा की ललित जी ने कहा था बिना कोइ हन्गामा किये टिप्पणी नही मिलती मै कह कह के थक गया की ब्लॉग की बेहतरी के लिये अपनी टिप्पणी दिया करे किसी ने ध्यान ही नही दिया . आशा है आगे ध्यान रखेन्गे .
आपका
नवीन प्रकाश
अरे भाई, अभी कोपलों में पत्ते फूट्ने की खुशी है ..अभी शेष है सुलझाने के लिए अंतरिक्ष की असीम गुत्थियाँ......आप जाने की बात करते हैं ?!!
ReplyDeleteशायद आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बुधवार के चर्चा मंच पर भी हो!
ReplyDeleteसूचनार्थ!