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- नवीन प्रकाश
- खरोरा, रायपुर, छत्तीसगढ़, India
- बस एक कोशिश है जो थोडी बहुत जानकारियां मुझे है चाहता हूँ की आप सभी के साथ बांटी जाए। आप मुझे मेल भी कर सकते है hinditechblog(a)gmail.com पर .
महोदय हमारी पत्रीका ''वन्दे ईश्वरम'' का नाम का भी उल्लेख किया जाय
ReplyDeletehttp://vandeishwaram.blogspot.com/
भागीरथी प्रयास किया है आपने, हिन्दी टाइपिंग का अभ्यास कर रहा हूँ.
ReplyDeleteआपका
अतुल्य
atulyakirti@gmail.com
अत्यन्त महत्वपूर्ण, उपयोगी और सराहनीय कार्य किया है आपने !
ReplyDeleteआभार ।
महत्वपूर्ण, उपयोगी जानकारी खासकर हिन्दी भाशा वालो के लिये-बहुत-बहुत धन्यवाद नवीन जी
ReplyDeleteloksangharsh patrikahindi
ReplyDeletequaterly magzine hai jiska poora ank loksangharsha.blogspot.com par uplabdh rehta hai kripya link jodne ka kast karein.
http://loksangharsha.blogspot.com/
भाई कितना बड़ा कार्य किया आपने..!
ReplyDeleteमन से बेहद आभारी हूँ...!
धन्यवाद नवीन भाई.
ReplyDeleteवागार्थ का सही लिंक है http://www.bharatiyabhashaparishad.com
हंस अभी आनलाईन नही है.
"प्रशंसनीय कार्य!"
ReplyDeleteकृपया, इस सूची में
हिंदी बाल-पत्रिका "सरस पायस"
को भी शामिल कर लीजिए!
--
ओंठों पर मधु-मुस्कान खिलाती, कोहरे में भोर हुई!
नए वर्ष की नई सुबह में, महके हृदय तुम्हारा!
संयुक्ताक्षर "श्रृ" सही है या "शृ", मिलत, खिलत, लजियात ... ... .
संपादक : सरस पायस
"अनुरोध -
ReplyDeleteइन्टरनेट की वर्तनी सही कर दीजिए -
इंटरनेट या इण्टरनेट!"
इन्टरनेट की दुनिया में
Deleteकम से कम यह तो लिखें कि मूल सूची हिन्दी विकीपीडिया से ली गई है। वरना यह चोरी कहलायेगी।
ReplyDeleteStolen from http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%B2_%E0%A4%AA%E0%A4%B0_%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%BF%E0%A4%A4_%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%80_%E0%A4%AA%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%81
ReplyDeleteमैंने देख लिया है -
ReplyDeleteयह तो सचमुच की चोरी है -
अब तो इस कार्य की
जितनी निंदा की जाए - कम है!
यह भी कोई बात हुई -
ReplyDelete"ज्यों का त्यों चुराकर छाप दिया!"
रावेन्द्र कुमार रवि जी की बात 'ज्यो का त्यो चुराकर'कहना बिलकुल गलत है बात जानकरी उपलब्ध कराने की है न की चुराने की है..मुफ्त मे कोइ जानकारी भी दे और आप उसे चोर बना दे वाह भाई वाह..
ReplyDeleteइसे चोरी कहना बिल्कुल गलत है
ReplyDeleteअगर आपको लगता है कि ये चोरी है तो आप जहां से चोरी की गई है वहां का लिंक तो दें महाशय
kuchh logon ko ninda me hi sukh milata ai. lekin aap apana kaam karate rahe. ek janaaree dee hai, mehanat i hai. inhe protsahit kiya jana chahiye.navin ka navin aam sarhneey hai.
ReplyDeleteनवीन जी, आपने बहुत ही अच्छा काम किया है. बहुत ही लाभप्रद है.
ReplyDeleteधन्यवाद.
हिन्दीकुंज
रावेंद्रकुमार रवि जी और अन्य पाठक
ReplyDeleteमैंने ब्लॉग वाणी पर अस्मिता जी का लेख देखा
http://smitamishr.blogspot.com/2010/01/blog-post_1367.html
यहाँ पर उसमे लिंक नहीं थी मैंने काफी पहले ये लेख पढ़ा था तो मैंने सोचा की क्यूँ न इसमें लिंक भी लगा दी जाए
आप मुझे चोर कह सकते है पर मैं इसे चोर पे मोर कहूँगा ।
मोर साहब!
ReplyDeleteजब एक जानकारी अंतरजाल पर एक उचित स्थान पर लगी हुई है,
तो उसे यहाँ-वहाँ लगाने से क्या लाभ!
जानकारी तो इतना-सा काम करके भी दी जा सकती थी -
विकिपीडिया पर उपलब्ध है यह सूची -
अन्तरजाल पर स्थित हिन्दी पत्रिकाएँ
और इसे आप अपने ब्लॉग के
ReplyDeleteसाइडबार में कहीं भी लगा सकते थे!
मेरी मानिए, तो इस पोस्ट को हमेशा के लिए मिटा दीजिए!
नवीन जी कार्य तो आपने सराहनीय किया है।
ReplyDeleteकिन्तु जहाँ इस पोस्ट की प्रशंसा होनी चाहिए,
वहाँ निन्दा हो रही है।
जानते हो क्यों?
क्योंकि आपने यह पोस्ट http://smitamishr.blogspot.com/2010/01/blog-post_1367.html से उड़ाई है।
आपने कथितरूप से इस अपनी पोस्ट में smita mishra के नाम का कहीं भी न तो उल्लेख किया है तथा न ही आभार प्रकट किया है।
हम तो कहीं से एक चित्र भी लगाते हैं तो साभार जरूर लिखते हैं।
अब आपको लिंक के साथ smita mishra का आभार प्रकट करके इसको लगाना ही चाहिए। तभी आप चोरी के कलंक से दोषमुक्त हो सकते हैं। ब्लॉगर बहत उदारमना होते हैं। यदि आप smita mishra से इजाजत ले लें तो ज्यादा अच्छा होगा।
अन्यथा यह पोस्ट हटा दें!
Deleteमैं ये कभी नहीं कहता की इस ब्लॉग पर दी गयी चीजे मैंने बनाई है मेरा काम है जानकारिया ढूंढना और उन्हें अपने ब्लॉग के पाठको को उपलब्ध करना ।
अपने एक पोस्ट
http://computerlife2.blogspot.com/2009/10/blog-post.html
पर मैंने ये बात पहले ही कह दी है
अंतरजाल पर जानकारियां तो सभी है जिन्हें मेरा ब्लॉग पसंद नहीं वो खुद ही ढूंढ सकते है परन्तु जो बातें मुझे लगता है की मेरे लिए उपयोगी रही है और अन्य किसी के काम आ सकती है उन्हें इस ब्लॉग पर देने की कोशिश रहती है । ना मैं बहुत ज्ञानी हूँ और ना ऐसा साबित करने की कोशिश है ।
मेरा प्रयास बस इतना है की जो इतने सालो में ढूंढ कर जानकारिया इकट्ठी की है उसे आपके साथ बांटू शायद आपके काम आ सके ।
और इतना गुस्सा होने की जरुरत किसी को नहीं है मेरा प्रयास आपका काम आसान करना है ताकि आपके काम की ज्यादा से ज्यादा चीजे एक स्थान पर मिल सके ,
नवीन प्रकाश said...
ReplyDelete16 January 2010 15:01
रावेंद्रकुमार रवि जी और अन्य पाठक
मैंने ब्लॉग वाणी पर अस्मिता जी का लेख देखा
http://smitamishr.blogspot.com/2010/01/blog-post_1367.html
यहाँ पर उसमे लिंक नहीं थी मैंने काफी पहले ये लेख पढ़ा था तो मैंने सोचा की क्यूँ न इसमें लिंक भी लगा दी जाए
आप मुझे चोर कह सकते है पर मैं इसे चोर पे मोर कहूँगा ।
नवीन प्रकाश जी!
इस प्रकार की सफाई देने से आप दोषमुक्त नही हो सकते!
इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
ReplyDeleteमेरी दृश्टि में तो दोनों ही दोषी हैं।
ReplyDeleteजानकारी विकी पीडिया पर है लेकिन
विकीपीडिया का उल्लेख तो किसी ने नहीं किया।
न ही स्मिता जी ने और न ही नवीन जी ने।
विकीपीडिया का आभार तो करना ही चाहिए था!
http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%B2_%E0%A4%AA%E0%A4%B0_%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%BF%E0%A4%A4_%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%80_%E0%A4%AA%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%81
सबसे पहले तो डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी के आदेशानुसार विकिपीडिया की मूल लिंक लगा दी गई है ।
ReplyDeleteअब बात
"मोर साहब!
जब एक जानकारी अंतरजाल पर एक उचित स्थान पर लगी हुई है,
तो उसे यहाँ-वहाँ लगाने से क्या लाभ!"
और
"आपने यह पोस्ट http://smitamishr.blogspot.com/2010/01/blog-post_1367.html से उड़ाई है।"
मैं ये कभी नहीं कहता की इस ब्लॉग पर दी गयी चीजे मैंने बनाई है मेरा काम है जानकारिया ढूंढना और उन्हें अपने ब्लॉग के पाठको को उपलब्ध करना ।
अपने एक पोस्ट
http://computerlife2.blogspot.com/2009/10/blog-post.html
पर मैंने ये बात पहले ही कह दी है
अंतरजाल पर जानकारियां तो सभी है जिन्हें मेरा ब्लॉग पसंद नहीं वो खुद ही ढूंढ सकते है परन्तु जो बातें मुझे लगता है की मेरे लिए उपयोगी रही है और अन्य किसी के काम आ सकती है उन्हें इस ब्लॉग पर देने की कोशिश रहती है । ना मैं बहुत ज्ञानी हूँ और ना ऐसा साबित करने की कोशिश है ।
मेरा प्रयास बस इतना है की जो इतने सालो में ढूंढ कर जानकारिया इकट्ठी की है उसे आपके साथ बांटू शायद आपके काम आ सके ।
और इतना गुस्सा होने की जरुरत किसी को नहीं है मेरा प्रयास आपका काम आसान करना है ताकि आपके काम की ज्यादा से ज्यादा चीजे एक स्थान पर मिल सके ,
नवीन, उपयोगी जानकारी दी है। ऐसी प्रकाशित जानकारियों को फिर से ताजा करना भी जरूरी काम है।
ReplyDeleteमेरा प्रयास बस इतना है की जो इतने सालो में ढूंढ कर जानकारिया इकट्ठी की है उसे आपके साथ बांटू शायद आपके काम आ सके ।
ReplyDeleteबिलकुल आपने सही लिखा है इसी तरह ज्ञान बाट्ते रहे-हम आपके ज्ञान के प्रकाश से लाभान्वित होते रहे नवीन जी..
एक कहावत है'चोरो को सारे नजर आते है चोर'
मेरी बात पर ध्यान देने के लिए,
ReplyDeleteनवीन प्रकाश जी आपका शुक्रिया।
इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।...
ReplyDeleteनवीन जी ! श्री रजनीश परिहार से आपके ब्लॉग के बारे में जाना. निस्संदेह आपके ब्लॉग पर बहुत उपयोगी जानकारियाँ एक साथ उपलब्ध हैं जिन्हें ढूँढने में किसी को भी घंटों मेहनत करनी पड़ सकती है. धन्यवाद! आलोचकों के पास शायद और कोई काम नहीं है जो आपका ब्लॉग खोले माथापच्ची करते रहते हैं ?
ReplyDeletephoto tech ke bare me hindi me likhi jankari kaha per milegi
ReplyDeleteबडे शब्दों का बोझा नहीं डालते हुए सीधे से कह रहा हूं...बेहतरीन प्रयास.
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